फलों में कितनी शुगर? जानिये

बिना फलों का समावेश किये आहार को संतुलित व पौष्टिक बनाना असंभव है. समस्या तब खड़ी होती है जब डायबिटीज के चलते बढ़िया व पौष्टिक फलों का चयन करना हो. डायबिटीज़ वालों को पोषण के अधिकांश जानकार कम शुगर खाने को कहते है. और ये वाजिब भी है.

लेकिन हम यह कैसे जाने कि किस फल से कितनी शुगर मिलती है या फलों की शुगर मापने का क्या पैमाना है. आईये, जानते हैं. “फलों में कितनी शुगर? जानिये”पढ़ना जारी रखें

विटामिन B12 की कमी : एक बड़ी समस्या


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गंजेपन से बचायें ये आसान उपाय

बालों के कम होने व गंजेपन से युवा जनसँख्या का एक बड़ा तबका ग्रसित है. आजकल के खान पान, प्रदूषण और जीवनशैली परिवर्तन के कारण महिलायें और पुरुष दोनों ही बालों के झड़ने व गंजेपन का शिकार हो रहे हैं. हार्मोन्स की विसंगति भी इस समस्या का एक बड़ा कारक है. पहले यह समस्या उम्र दराज लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब यह किशोर, जवान; सब को प्रभावित कर रही है। इससे व्यक्ति अधिक उम्र का दिखता तो है ही, साथ ही ये समस्या व्यक्तित्व पर भी प्रभाव डालती है.

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मिर्ची है गुणकारी

मिर्ची के बिना भारतीय एवं एशिया के व्यंजनों की कल्पना करना असंभव है. मिर्ची को दशकों से पश्चिमी सभ्यताएं शक के नज़रिये से देखती रही हैं,  इसे ठीक उलट, आयुर्वेद में इसे कई रोगों का उपचार किया जाता है, एवं गुणकारी बताया जाता है.

लेकिन, पिछले कुछ समय में मिर्च (एवं अन्य मसालों) पर हुए शोधों से पश्चिम जगत में हमारे खान पान के बारे नज़रिया ही बदल रहा है. वे अब मानते हैं कि भारतीय पाकशास्त्र एक अत्यंत गहन शोध से ही विकसित हुआ है, जिसमें मिर्च मसालों का समावेश भोजन को स्वादिष्टता के साथ साथ पौष्टिकता भी देता है.

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स्वस्थता का आधार : ओमेगा-3

ओमेगा फैटी एसिड वसा में पाए जाने वाले अत्यंत क्रियाशील तत्व हैं जिनसे हमारे शरीर की विभिन्न प्रणालियाँ काम करती हैं. यदि ओमेगा 3 नहीं तो हम ठीक नहीं. “स्वस्थता का आधार : ओमेगा-3”पढ़ना जारी रखें

खानपान सम्बन्धी कुछ तथ्यहीन बातें…

पोषण विशेषज्ञ हमें आहार सम्बन्धी कई विरोधाभासी परामर्श देते रहे हैं. इनमें से कई परामर्श या तो सच्चाई से मीलों परे एवं तथ्यों से सर्वदा भिन्न रहे हैं, या फिर अब शोधों द्वारा नकारे जा रहे हैं.

आइये, पोषण सम्बन्धी ऐसे कुछ तथ्यहीन परामर्शों का अवलोकन करें व सच्चाई को जाने.

क्या घी मक्खन या तृप्त वसा (Saturated fat) हानिकारक होते हैं?

हमारे बुज़ुर्ग, घी मक्खन की महता बताते रहे हैं. “खानपान सम्बन्धी कुछ तथ्यहीन बातें…”पढ़ना जारी रखें

एप्पल साइडर विनेगर (ACV) है अनमोल अमृत

प्राचीन काल से ही सिरके का उपयोग घरेलू उपचार में होता रहा है. सिरका कई प्रकार के फलों से तैयार किया जाता है जैसे जामुन, अंगूर, सेव, नाशपाती इत्यादि.

इन सब में, एप्पल साइडर विनेगर, जिसे छोटे नाम ACV से जाना जाता है, का एक विशिष्ट स्थान है; सेव से तैयार किया गये एप्पल सायडर विनेगर (सेव का सिरका) को यूरोपियन सभ्यतायें प्राचीन काल से ही घरेलू उपयोग में लेती आ रही हैं।

ACV तैयार करने की पद्धति ठीक वैसी ही है जैसे आयुर्वेद में अरिष्ट बनाने की क्रिया है। ताज़े सेव काट कर पानी में 8 से 12 सप्ताह तक फरमेन्ट किये जाते हैं। फरमेन्टेशन पूरा हो जाने पर, जब तरल खटास में बदल जाता है, इसे निथार छान कर रख लेते हैं। यही कहलाता है एप्पल सायडर विनेगर ।

जब भी फरमेन्टेशन द्वारा किसी गलुकोज़ व फ्रक्टोज़ युक्त फल का विघटन होता है तो उसमें गुणकारी, एनज़ाइम बन जाते हैं. यह एनज़ाइम हमारे स्वास्थ्य के लिये बड़े लाभकरी व जीवनदायी बन जाते है। ACV के एनज़ाइम प्री बायोटिक तथा प्रोबायोटिक की श्रेणी रूप में हमारे पेट में लाभकारी जीवाश्मों को बल देते हैं जिससे हम भोजन को बेहतर पचा कर उपयोगी पोषक तत्वों का उम्दा अवशोषण  कर पाते हैं।

अच्छे ACV की पहचान

वही एप्पल साइडर विनेगर बेहतर होता है जो फ़िल्टर न किया गया हो.

ये पारदर्शी नहीं होना चाहिए.

फिल्टर्ड ACV गुणकारी नहीं होता
बिना फ़िल्टर किये ACV में मदर (Mother) यानि जामन की प्रचुरता रहती है जो एंजाइम से भरपूर रहती है. ये एंजाइमस प्रो बायोटिक बैक्टीरिया की उत्पत्ति में सहायक होते है. फ़िल्टर करने से इसमें पाए जाने वाले एंजाइम की मात्रा काफी कम हो जाती है. ऊपर के चित्र में दिया ACV देखने में तो बेहतर है लेकिन गुणों में नहीं. गुणकारी ACV बिना फ़िल्टर किये हो जैसा कि अन्य चित्रों में दिख रहा है.

एप्पल साइडर विनेगर के स्वाथ्य लाभ

एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में रक्त का pH 7.35 से 7.45 तक, थूक का 6.5 से 7.5 तक, और मूत्र का 6 से 7 तक होता हैं. शरीर को स्वस्थ रहने के लिए थोड़ा सा अल्कलाइन होना ज़रूरी है.
यदि आपको थकान, पेट में एसिडिटी , अलसर, कमज़ोरी, काम में मन ना लगना, तनाव, गुस्सा, कब्ज़ रोग आदि लक्षण हैं तो आप का शरीर एसिडिक हो सकता हैं.
सामान्य सिंथेटिक विनेगर या सिरका, एसिटिक एसिड और पानी का मिश्रण होता हैं, इसमें कोई भी एंजाइम नहीं होते. इसे चायनीज़ व्यंजनों या आचार में डालते हैं या फिर विनेगर युक्त प्याज़ में.
एप्पल साइडर विनेगर (ACV) बाजारू सिंथेटिक सिरके से भिन्न होता है. pH स्तर ठीक करने में एप्पल साइडर विनेगर काफी महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता हैं. क्योंकि ये एसिडिक होकर भी शरीर को अल्कलाइन बनाता हैं.
ACV का उपयोग शरीर के pH बैलेंस को संतुलित करने के लिए औषधि के रूप में किया जाता हैं साथ ही इसके एंजाइम कई प्रकार से सेहत के लिये लाभकारी पाए गए हैं. एप्पल साइडर विनेगर में एसिटिक एसिड के साथ साथ विटामिन्स , मिनरल्स , पेक्टिन,एमिनो एसिड्स आदि भी प्रचुर मात्रा में होते है.

पेट के लिये वरदान

यदि खाने से पहले ACV का इस्तेमाल किया जाए तो ये भूख बढ़ाता हैं, कब्ज़ को रोकता हैं पाचन ठीक करता हैं, शोध बताते हैं कि ACV पेट के हानिकारक बैक्टीरिया E.Coli इत्यादि को भी  नष्ट करता है जिस कारण खाने के बाद पेट भारी होना आदि जैसी समस्याओ में मदद मिलती हैं (1).

इसके उपभोग से भूख बढ़ती हैं, पेट की क्रियाएँ सही होती हैं, कब्ज़ ठीक होती है, मिनरल्स का अब्सॉर्पशन अच्छा होता हैं, एसिडिटी या गैस होने पर 1 गिलास पानी में 1-2 चम्मच विनेगर डाल कर पीने से से इन सब में लाभ मिलता हैं  (2345).

शरीर को डीटॉक्स करता है

शरीर के Detoxification में ACV को अदभुत माना जाता हैं, जिससे आप अच्छा व हल्का महसूस करते हैं. क्योंकि ACV बीमारी के खतरों से भी दूर करता हैं इसलिए इसे फिटनेस टॉनिक भी कहा जाता है.

शराब व तम्बाकू का सेवन शरीर को एसिडिक करता हैं, इसलिए शरीर को डीटॉक्स करने के लिए व pH सुधार के लिये ACV का उपयोग पूरे पश्चिम जगत में किया जाता है.

डायबिटीज़ नियंत्रक

एप्पल साइडर विनेगर के इस्तेमाल से ब्लड शुगर लेवल्स कम किये जा सकते हैं. इसके एंजाइम्स खाने में उपस्थित कार्बोहायड्रेट को शुगर में बदलने  की क्रिया को निष्क्रिय करते हैं. इसी वजह ACV शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने में सहायक है.

शोध प्रमाणित करते हैं कि ACV से शरीर की इन्सुलिन की जरुरत 19 से 34% तक कम हो जाती हैं. (6). (7).

सोते समय ACV लेने से फास्टिंग ब्लड शुगर में 4% तक का सुधार देखा गया है. (8).

बहुत सारे अन्य शोधों ने भी पाया है कि ACV से डायबिटीज नियंत्रण में अप्रत्याशित लाभ मिलता है (91011121314).

वज़न घटाने में सहायक

एप्पल साइडर विनेगर के इस्तेमाल से चर्बी का बढ़ना रोका जा सकता हैं. ACV उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन के शुगर विघटन को रोकता है तथा भरे पेट का एहसास भी करवाता है जिस कारण आप भूख का अनुभव नहीं करते. इन्हीं गुणों के चलते एप्पल साइडर विनेगर वजन घटने में सहायक है (1516).

कोलेस्ट्रोल  व ह्रदय रोग नियंत्रण

एप्पल साइडर विनेगर से कोलेस्ट्रोल लेवल्स को कम किया जा सकता हैं (1718).

हार्वर्ड के शोध ने पाया है कि वे महिलाएं जो ACV का उपयोग सलाद में करती हैं उन्हें दिल की बीमारी नहीं होती(19).

ACV के उपयोग से हृदय धमनियों का कठोर होना भी रोका जा सकता हैं.(2021).

ब्लड प्रेशर में लाभकारी

विनेगर के इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर में सकरात्मक लाभ मिलता है. ये इसकी अधिक मूत्रल (diuretic) विशेषता के कारण होता है. इस पर हो रहे बहुत से शोधों ने ACV को उच्च रक्तचाप में लाभकारी पाया है. (2223).

कैंसर रोकथाम में उपयोगी

शोध बताते हैं कि एप्पल साइडर विनेगर कई प्रकार के कैंसर होने से बचा सकता है क्योंकि ये कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है व ट्युमर को बढ़ने से रोकता है. (24252627)

चीन में हुए शोध ने इसे अमाशय के कैंसर रोकने में इसे काफी प्रभावी पाया गया है लेकिन सर्बिया के एक शोध में इसे ब्लैडर के कैंसर का कारण भी माना गया.  (2829)

एप्पल साइडर विनेगर की उपलब्धता

आजकल ACV का प्रचलन भारत में काफी बढ़ गया है. बड़े शहरों के नामी स्टोर्स पर ये आसानी से मिल भी जाता है.

इसे ऑनलाइन भी मंगाया जा सकता है. बस इतना ध्यान रखें कि एप्पल साइडर विनेगर फ़िल्टर किया हुआ ना लें, मदर के साथ ही लें.

एप्पल साइडर विनेगर के अन्य उपयोग

क्योंकि विनेगर में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं इसलिए इसका उपयोग छाती के बलगम में किया जा सकता हैं. यदि बलगम रुकने से सांस फूल रही हो तो सिरके की भाप लेने से आराम मिलता है. ये जमे हुए बलगम को ढीला करता हैं.

यदि गले में खराश और दर्द हो तो कुनकुने पानी में सिरका मिलाकर गरारे करने से आराम मिलता है.
ACV कील मुहासों में भी आराम दिलाता हैं. रूई के फाहे द्वारा पानी मिला ACV लगाने से मुहांसे खुल जाते हैं व नए मुहांसे नहीं आते.
सब्ज़ियां धोने में इसके इस्तेमाल से Pesticides निकल जाते हैं जो पानी से धोने पर नहीं निकल पाते.

कुछ सावधानियां

ACV का सेवन हमेशा पानी के साथ करे. कभी भी इससे सीधे न पिये, शुद्ध ACV जलन पैदा कर सकता है.
सलाद इत्यादि में इसे शुद्ध मिलाया जा सकता है.
एप्पल साइडर विनेगर कुछ लोगो में एलर्जिक रिएक्शन भी कर सकता हैं. इसलिए पहली बार थोडा कम सेवन कर देख लें.
ब्लड प्रेशर, और हृदय रोग संबंधि आदि की कुछ दवाओ के साथ इसका प्रयोग रासायनिक प्रतिक्रिया पैदा कर सकता हैं. अत: यदि आप कोई दवाएं ले रहे हैं तो ACV लेने के लिये अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें.

प्राचीन काल से ही सिरके का उपयोग घरेलू उपचार में होता रहा है. सिरका कई प्रकार के फलों से तैयार किया जाता है जैसे जामुन, अंगूर, सेव, नाशपाती इत्यादि.

इन सब में, एप्पल साइडर विनेगर, जिसे छोटे नाम ACV से जाना जाता है, का एक विशिष्ट स्थान है; सेव से तैयार किया गये एप्पल सायडर विनेगर (सेव का सिरका) को यूरोपियन सभ्यतायें प्राचीन काल से ही घरेलू उपयोग में लेती आ रही हैं। “”पढ़ना जारी रखें

बनाईये बेहतरीन पोषक सिरका

सिरका मानव सभ्यता की प्राचीनतम खोजों में से एक है. शायद हमारे पूर्वजों ने जब देखा कि कुछ आहार गलने सड़ने के चक्रकाल की समाप्ति पर और अधिक स्वादिष्ट व गुणकारी हो जाते हैं, तब से ही सिरका उपयोग में आया होगा.

आदिकाल से ही इसके गुणों से हम वाकिफ हो गए थे. आयुर्वेद में सिरका बनने से पहले के चरण पर एक पूरा संग्रह उपलब्ध है जिसे असाव व अरिष्ट के नाम से जाना जाता है. कुमारी आसव, अशोकारिष्ट, द्राक्षासव, अश्वगंधारिष्ट इत्यादि कई  आसव व अरिष्ट जड़ी बूटियों से बनाये गए जिन्हें कमज़ोर व वृद्धों के लिये अति उपयुक्त माना गया. “बनाईये बेहतरीन पोषक सिरका”पढ़ना जारी रखें