एसिडिटी – कारण और निवारण

हमारे पेट में बनने वाला एसिड या अम्ल भोजन को पचाने का काम करता है, लेकिन कई बार पचाने के लिए पेट में पर्याप्त भोजन ही नहीं होता या फिर एसिड ही आवश्यक मात्रा से अधिक बन जाता है। ऐसे में एसिडिटी या अम्लता की समस्या हो जाती है। इसे पेट की जलन या हार्टबर्न भी कहा जाता है।

वसायुक्त और मसालेदार भोजन का सेवन आमतौर पर एसिडिटी की प्रमुख वजह है। इस प्रकार का भोजन पचने में जटिल होता है और एसिड पैदा करने वाली कोशिकाओं को आवश्यकता से अधिक एसिड बनाने के लिए उत्तेजित करता है। “एसिडिटी – कारण और निवारण”पढ़ना जारी रखें

ताड़ासन – हाइट गेन व आत्मविश्वास योग

आजकल के व्यस्त जीवन में योग का बहुत महत्व है| योग करने से शरीर को कई लाभ मिलते है| हजारो लोग इससे लाभ उठा रहे है| हर योग को करने के अलग अलग लाभ है| जैसे अनुलोम विलोम करने से स्वास संबंधित रोग ठीक होते है,  वक्रासन करने से पेट की चर्बी घटती है; वैसे ही ताड़ासन शरीर को सुडौल बनाने के लिये एक उत्तम आसन है|

अच्छी पर्सनैलिटी होना एक बहुत महत्वपूर्ण आवश्यकता है| चाहे आप जॉब इंटरव्यू देने जा रहे हो या फिर आपको निजी या प्रोफेशनल व्यवहार करना हो, यदि आपकी हाइट अच्छी हो तो आपकी पर्सनैलिटी बहुत खास नजर आती है| इसी प्रकार बढ़ती उम्र में कन्धों व रीढ़ के के झुकाव को रोक कर एक कॉंनफिडेंट एहसास पाना भी काफी ज़रूरी है| “ताड़ासन – हाइट गेन व आत्मविश्वास योग”पढ़ना जारी रखें

फलों में कितनी शुगर? जानिये

बिना फलों का समावेश किये आहार को संतुलित व पौष्टिक बनाना असंभव है. समस्या तब खड़ी होती है जब डायबिटीज के चलते बढ़िया व पौष्टिक फलों का चयन करना हो. डायबिटीज़ वालों को पोषण के अधिकांश जानकार कम शुगर खाने को कहते है. और ये वाजिब भी है.

लेकिन हम यह कैसे जाने कि किस फल से कितनी शुगर मिलती है या फलों की शुगर मापने का क्या पैमाना है. आईये, जानते हैं. “फलों में कितनी शुगर? जानिये”पढ़ना जारी रखें

किडनी की पथरी – किस्में व निवारण

इस लेख में उन प्रश्नों का समाधान करने का प्रयास करूंगा जो पिछले कुछ समय में किडनी की पथरी (Urinary Calculi या स्टोन) पर सुधि पाठकों ने जानना चाहे थे.

पिछली कुछ पोस्ट्स में मैंने  लिखा था, किडनी, मूत्राशय व मूत्रनली में पथरी का बनना एक सामान्य, साधारण बात है. ऐसा नहीं है कि इसके लिये केवल खान पान को ही दोषी मान लिया जाए या फिर केवल अनुवांशिकता को. यदि ऐसा होता, तो एक ही परिवार के सब सदस्य इससे प्रभावित या अप्रभावित होते. “किडनी की पथरी – किस्में व निवारण”पढ़ना जारी रखें

बनाईये बेहतरीन पोषक सिरका

सिरका मानव सभ्यता की प्राचीनतम खोजों में से एक है. शायद हमारे पूर्वजों ने जब देखा कि कुछ आहार गलने सड़ने के चक्रकाल की समाप्ति पर और अधिक स्वादिष्ट व गुणकारी हो जाते हैं, तब से ही सिरका उपयोग में आया होगा.

आदिकाल से ही इसके गुणों से हम वाकिफ हो गए थे. आयुर्वेद में सिरका बनने से पहले के चरण पर एक पूरा संग्रह उपलब्ध है जिसे असाव व अरिष्ट के नाम से जाना जाता है. कुमारी आसव, अशोकारिष्ट, द्राक्षासव, अश्वगंधारिष्ट इत्यादि कई  आसव व अरिष्ट जड़ी बूटियों से बनाये गए जिन्हें कमज़ोर व वृद्धों के लिये अति उपयुक्त माना गया. “बनाईये बेहतरीन पोषक सिरका”पढ़ना जारी रखें