फलों में कितनी शुगर? जानिये

बिना फलों का समावेश किये आहार को संतुलित व पौष्टिक बनाना असंभव है. समस्या तब खड़ी होती है जब डायबिटीज के चलते बढ़िया व पौष्टिक फलों का चयन करना हो. डायबिटीज़ वालों को पोषण के अधिकांश जानकार कम शुगर खाने को कहते है. और ये वाजिब भी है.

लेकिन हम यह कैसे जाने कि किस फल से कितनी शुगर मिलती है या फलों की शुगर मापने का क्या पैमाना है. आईये, जानते हैं.

सब से पहले यह जानना ज़रूरी होगा कि फलों से मिलने वाली शुगर कैसे मापी जाती है. ऐसा नहीं है कि किसी फल का टुकड़ा काट कर किसी प्रयोगशाला में शुगर का परीक्षण कर विश्लेषण किया जाता है. अपितु यह देखा जाता है कि निर्धारित फल की निर्धारित मात्रा लेने पर हमारी रक्त शर्करा पर कितना प्रभाव हुआ.

आहार से मिलने वाली शुगर को इसे दो तरीकों से व्यक्त किया जाता है.

ग्लायसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) या GI व
ग्लायसेमिक लोड (Glycemic Load) अथवा GL

ग्लायसेमिक इंडेक्स या GI का पैमाना 0 से 100 तक है: जहाँ 0 का मतलब है कोई शुगर नहीं व 100 का मतलब है शुद्ध ग्लूकोज़.

70 व अधिक ग्लायसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य : उच्च चीनी वाले

55 से 69 GI पर : सामान्य

55 से नीचे : कम

ग्लायसेमिक इंडेक्स (GI) के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि एक आम आदमी इसे आसानी से समझ नहीं पाता. इसमें ये पता नहीं चलता कि किस आहारवस्तु की कितनी मात्रा लेने पर इसे बनाया गया है. ग्लायसेमिक इंडेक्स का आधार आहारवस्तु में उपलब्ध 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से मिलने वाली शुगर का पैमाना है, जो कि अटपटा एवं बड़ा विसंगतिपूर्ण सा लगता है.

उदाहरण के लिये, लगभग आधा किलोग्राम तरबूज़ से जितनी कार्बोहाइड्रेट मिलती है, उतनी ही कार्बोहाइड्रेट चुटकी भर (35ग्राम) किशमिश से मिलती है.

इस विसंगति के चलते, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 1997 में, ग्लायसेमिक लोड (Glycemic Load) अथवा GL का फार्मूला बनाया जिसमें ग्लायसेमिक इंडेक्स (GI) को आहार की मात्रा से जोड़ कर एक नया रूप दिया गया.

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उदाहरण के लिये तरबूज को ही लेते हैं. इसका GI (72) तो इसे उच्च शुगरयुक्त श्रेणी का फल बताता है लेकिन इसका GL (3.6) इसे न्यूनतम श्रेणी में रखता है.

किसी खाद्य पदार्थ का GL निकलने के लिये पहले हम  उस वस्तु के GI को 100 से विभाजित करते हैं फिर एक निर्धारित खुराक में उपलब्ध कार्बोहाइड्रेट की मात्रा (ग्राम में) से गुणा कर देते हैं.

20 या ऊपर  का GL:  अधिक

11 से 19 तक:  सामान्य

11 से कम: न्यूनतम

अब फिर से तरबूज़ का उदाहरण लेते हैं. इसका GI 72 है जो कि अधिक माना जाएगा. लेकिन इसकी मानक खुराक मात्रा में केवल 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते है जिस कारण इस का GL 72/100*5= 3.6 हुआ. अब देखिये, इसका GI तो इसे अधिक मीठी श्रेणी का बता रहा है लेकिन GL लगभग न्यूनतम है.

हमें फलों के GL को देखना चाहिए न कि GI को.

तरबूज़ का उदाहरण एक असामान्य स्थिति है. ये इसलिए क्योंकि इसमें फाइबर व पानी की मात्रा अधिक रहती है. इस प्रकार के कुछ अन्य उदाहरण  भी हैं जिनका GI तो अधिक है लेकिन GL बड़ा कम होता है (1).

सामान्यत: यदि किसी फल का GI अधिक है तो उसका GL भी कमोवेश उसी रेंज में रहता है.

 मुख्य फलों के ग्लायसेमिक लोड

फल गलाईसेमिक

लोड

सर्विंग मात्रा

(ग्राम)

नीम्बू जम्बीरी Lime 1 120g
स्ट्रॉबेरी Strawberry 1 120g
खुमानी Apricot 3 120g
चकोतरा Grapefruit 3 120g
नीबूकागज़ी Lemon 3 120g
खरबूज़ा Cantaloupe 4 120g
अमरुद Guava 4 120g
आडू रसवाला Nectarines 4 120g
संतरा Orange 4 120g
नाशपाती Pear 4 120g
तरबूज़ Watermelon 4 120g
फाल्सा Blueberries 5 120g
आड़ू Peach 5 120g
प्लम Plum 5 120g
सेव Apple 6 120g
अनानास Pineapple 6 120g
किवी Kiwi 7 120g
आम Mango 8 120g
चेरी Cherries

पपीता Papaya

9

10

120g

120g

आलूबुखारा Prunes 10 60g
केला Banana 11 120g
अंगूर Grapes 11 120g
अंजीर Figs 16 60g
खजूर Dates 18 60g
किशमिश Raisins 28 60g

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कच्चे फलों में कम शुगर होती है

फल जब कच्चे होते हैं तो उनमें कसैला या खट्टापन रहता है जो कि टनीन (Tanins) व जैविक खटाई (Citrates, ascorbates, gallates) के कारण होता है. पकने पर यह टनीन व खट्टा शुगर में परिवर्तित हो जाते हैं. इस कारण कच्चे फलों का GL नहीं के बराबर होता है, तथा वे डायबिटीज के लिये उत्तम माने जाते हैं.

पके फलों में है फाइबर का संतुलन

ऐसा नहीं है कि जिन फलों का का अधिक GL हो वे नहीं खाने चाहिए. वास्तव में सभी खाद्य वस्तुओं में से केवल फलों में ही सबसे उत्तम किस्म के कार्बोहाइड्रेट मिलते हैं, जिन्हें प्रकृति ने एंटीऑक्सीडेंटस, विटामिन्स व अन्य पोषक तत्वों से संतृप्त किया होता है. इनसे मिलने वाली शुगर उच्च किस्म के फाइबर से संतुलित होती है, जिससे शुगर अचानक नहीं बढ़ती.

डायबिटीज़ में ज़रूरी है दिन भर का आहार प्लान

डायबिटीज़ में एक बात ध्यान में रखिये. ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिये एक दिन में कुल पर्याप्त आहार की मात्रा इतनी होनी चाहिए कि ग्लायसेमिक लोड 50GL तक का रहे.

खाद्य वस्तुओं के GL सम्बन्धी कई चार्ट उपलब्ध हैं जिनसे पूरे दिन भर का आहार प्लान किया जा सकता है.(2,3,4)

सारशब्द

फलों के गुणों के चलते आहार में फलों का समावेश करना ही चाहिए. कच्चे फलों में शुगर की मात्रा कम होती है. फलों में उपलब्ध फाइबर रक्त शुगर तो अचानक बढ़ने से रोकता है.

Ms Fawne Hansen, with thanks.

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लेखक: Rajeev S

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