Dr. Kartar Singh Saini
शहद और दालचीनी से करें रोगों का निवारण.
हृदय रोगों में उपयोगी है
शहद और दालचीनी के पावडर का पेस्ट बनाएं और इसे रोटी पर चुपडकर खाएं। घी या जेली के स्थान पर यह पेस्ट इस्तेमाल करें। इससे आपकी धमनियों में कोलेस्टरोल जमा नहीं होगा और हार्ट अटेक से बचाव होगा। जिन लोगों को एक बार हार्ट अटेक का दौरा पड चुका है वे अगर इस उपचार को करेंगे तो अगले हार्ट अटेक से बचे रहेंगे। इसका नियमित उपयोग करने से द्रुत श्वास की कठिनाई दूर होगी । हृदय की धडकन में शक्ति का समावेश होगा। अमेरिका और कनाडा के कई नर्सिंग होम में प्रयोग किये गये हैं और यह निष्कर्ष आया है कि जैसे-जैसे मनुष्य बूढा होता है, उसकी धमनियां और शिराएं कठोर हो जाती हैं। शहद और दालचीने के मिश्रण से धमनी काठिन्य रोग में हितकारी प्रभाव देखा गया है।
संधिवात (आर्थराइटिस) रोग
संधिवात रोगी दो बडे चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर एक गिलास मामूली गर्म जल से लें। सुबह और शाम को लेना चाहिये। कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शौध में कहा है कि चिकित्सकों ने नाश्ते से पूर्व एक बडा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पावडर का मिश्रण गरम पानी के साथ दिया। इस प्रयोग से केवल एक हफ़्ते में ३० प्रतिशत रोगी संधिवात के दर्द से मुक्त हो गये। एक महीने के प्रयोग से जो रोगी संधिवात की वजह से चलने फ़िरने में असमर्थ हो गये थे वे भी चलने फ़िरने लायक हो गये।
मूत्राशय का संक्रमण
कोलेस्टरोल घटाने के लिये
बढे हुए कोलेस्टरोल में दो बडे चम्मच शहद और तीन चाय चम्मच दालचीनी पावडर मिलाकर आधा लिटर मामूली गरम जल के साथ लें। इससे सिर्फ़ २ घंटे में खून का कोलेस्टरोल लेविल १० प्रतिशत नीचे आ जाता है। और दिन मे तीन बार लेते रहने से कोलेस्टरोल बढे हुए पुराने रोगी भी ठीक हो जाते हैं।
पेट के रोग
मुहांसे
त्वचा विकार
दालचीनी और शहद समान भाग लेकर मिश्रित कर एक्ज़ीमा, दाद जैसे चर्म उद्वेग पर लगाने से अनुकूल परिणाम आते हैं।
मोटापा निवारण
एक चाय चम्मच दाल चीनी पावडर एक गिलास जल में उबालें फ़िर आंच से उतारकर इसमें दो बडे चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ते से ३० मिनिट पूर्व सुहाता गरम पीयें। ऐसा ही रात को सोने के पहिले करना है। यह उपचार नियमित लेने से शरीर की अनावश्यक चर्बी समाप्त होती है और अधिक केलोरी वाला भोजन लेने पर भी शरीर में चर्बी नहीं बढती है।
कैंसर से बचाये
जापान और आस्ट्रेलिया के वैग्यानिकों ने आमाषय और अस्थि केंसर की बढी हुई स्थिति को दालचीनी और शहद का उपयोग से पूरी तरह काबू में किया है। ऐसे रोगियों को एक बडा चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी के पावडर गरम जल के साथ एक माह तक लेना चाहिये।
अर्ध-बहरापन में सहायक
कम सुनने के रोग में दालचीनी और शहद बराबर मात्रा मे लेने से फ़यदा होता है। दिन में दो बार लेना हितकर है।
दीर्घ जीवन
लंबी उम्र के लिये दालचीनी और शहद की चाय नियमित उपयोग करें। तीन गिलास पानी उबालें । इसमें चार चाय चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी का पावडर मिलाएं। एक चौथाई गिलास चाय हर तीसरे घंटे पीयें। इससे त्वचा स्वच्छ और झुर्री रहित बनाने में मदद मिलती है। बुढापे को दूर रखने का सर्वोत्तम उपाय है। दीर्घ जीवन की कामना रखने वाले लोग १०० की उम्र में भी थिरकते दिखेंगे।
प्रतिरक्षा तंत्र शक्तिशाली बनाता है
शहद और दालचीनी के उपयोग से इम्युन सिस्टम ताकतवर बनता है। खून मे सफ़ेद कणों की वृद्धि होती है जो रोगाणु और वायरस के हमले से शरीर की सुरक्षा करते है। जीवाणु और वायरल बीमारियों से लडने की ताकत बढती है।
Is this useful to loose weight for thoiroid patients.
पसंद करेंपसंद करें
Yes Ruchika Ali
Cinamon with honey works against fat deposition. If you have a thyroid issue, you may have to take some thyroid tonics in ayurveda, which are based on Commifora mukulgum (Gugglu). In aloopathy, there is no cure for thyroid, but in Ayurvrda, you can have dependable solutions.
Hope this answers your question.
Thanks
पसंद करेंपसंद करें
Yes, Ruchika ji
पसंद करेंपसंद करें
Yes, it is
पसंद करेंपसंद करें