पानी; सेहत का अनमोल अमृत

हमारी देह का लगभग 66℅ हिस्सा पानी होता है। हर क्षण पानी हमारे शरीर से किसी न किसी क्रिया से बाहर निकलता ही रहता है. वह चाहे हमारी पसीने एवं मल मूत्र त्याग की क्रिया हो या फिर सांसों का चलना. 

चिंता हो, गुस्सा हो या तनाव हो, दो गूंट पानी पी लीजिये:  ऐसा लगता है जैसे रेगिस्तान में बसंत ऋतु आ गई हो.

आप परिश्रम से थके मांदे हों, पानी का एक गिलास सारी थकान दूर कर देता है.

पानी न केवल शरीरिक गतिविधियों के लिये ज़रूरी है बल्कि हमारी हर मानसिक एवं बौद्धिक क्रिया में भी इसका अति महत्त्वपूर्ण योगदान होता है. शरीर की रचना का मूलभूत अंश पानी होने के कारण दिल खोल कर पानी पीना सेहत के लिये बेहद ज़रूरी है.

पानी को प्रचुर मात्रा में पीने का सीधे सीधे मतलब है शरीर के हर अंग को तृप्ति प्रदान करना और बदले में चुस्ति स्फूर्ति पाना और रोगों से दूर रहना.

आपको चमक भरे बाल चाहिए, आभा युक्त त्वचा, पेट का हल्कापन,  चुस्ती स्फूर्ति; यह सभी पानी से लिये जा सकते हैं

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प्राचीन काल से ही सिरके का उपयोग घरेलू उपचार में होता रहा है. सिरका कई प्रकार के फलों से तैयार किया जाता है जैसे जामुन, अंगूर, सेव, नाशपाती इत्यादि.

इन सब में, एप्पल साइडर विनेगर, जिसे छोटे नाम ACV से जाना जाता है, का एक विशिष्ट स्थान है; सेव से तैयार किया गये एप्पल सायडर विनेगर (सेव का सिरका) को यूरोपियन सभ्यतायें प्राचीन काल से ही घरेलू उपयोग में लेती आ रही हैं। “”पढ़ना जारी रखें

डायबिटीज नियंत्रण के 15 आसान तरीके

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पुरुषों में थायराइड समस्या और घरेलू उपचार

आजकल थायराइड की समस्या एक गंभीर समस्या है। महिलाओं के साथ साथ शहरी पुरुष भी इस रोग से ग्रसित हो रहे हैं.

थाइराइड ग्रंथि गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। ये तितली के आकार की होती है।

आयुर्वेद में थायराइड को बढ़ने से रोकने के बेहद सफल प्रयोग बताएं गए हैं। “पुरुषों में थायराइड समस्या और घरेलू उपचार”पढ़ना जारी रखें

बरगद – जितना विशाल, उतना ही उपयोगी

आयुर्वेद में बरगद का पेड़ (Banyan tree) को एक दैवीय उपहार बताया गया है!

जितना विशाल ये वृक्ष है उतने ही वृहत इसके गुण हैं. आईये जानते हैं बरगद के पेड़ के आयुर्वेदीय उपयोग व लाभ… “बरगद – जितना विशाल, उतना ही उपयोगी”पढ़ना जारी रखें

फलों में कितनी शुगर?…जानिये

बिना फलों का समावेश किये आहार को संतुलित व पौष्टिक बनाना असंभव है. समस्या तब खड़ी होती है जब डायबिटीज के चलते बढ़िया व पौष्टिक फलों का चयन करना हो. डायबिटीज़ वालों को पोषण के अधिकांश जानकार कम शुगर के फल खाने को कहते है. और ये वाजिब भी है.

लेकिन हम यह कैसे जाने कि किस फल से कितनी शुगर मिलती है या फलों की शुगर मापने का क्या पैमाना है.

सब से पहले यह जानना ज़रूरी होगा कि फलों से मिलने वाली शुगर कैसे मापी जाती है. “फलों में कितनी शुगर?…जानिये”पढ़ना जारी रखें

बनाईये बेहतरीन पोषक सिरका

सिरका मानव सभ्यता की प्राचीनतम खोजों में से एक है. शायद हमारे पूर्वजों ने जब देखा कि कुछ आहार गलने सड़ने के चक्रकाल की समाप्ति पर और अधिक स्वादिष्ट व गुणकारी हो जाते हैं, तब से ही सिरका उपयोग में आया होगा.

आदिकाल से ही इसके गुणों से हम वाकिफ हो गए थे. आयुर्वेद में सिरका बनने से पहले के चरण पर एक पूरा संग्रह उपलब्ध है जिसे असाव व अरिष्ट के नाम से जाना जाता है. कुमारी आसव, अशोकारिष्ट, द्राक्षासव, अश्वगंधारिष्ट इत्यादि कई  आसव व अरिष्ट जड़ी बूटियों से बनाये गए जिन्हें कमज़ोर व वृद्धों के लिये अति उपयुक्त माना गया. “बनाईये बेहतरीन पोषक सिरका”पढ़ना जारी रखें